Maharashtra Assembly Election in 2024 :- महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर लातूर शहर और ग्रामीण से लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के दोनों बेटे अमित और धीरज को पसीना बहाना पड़ रहा है। इसकी वजह है कि बीजेपी ने दोनों की मजबूत घेरेबंदी की है। लातूर शहर सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता शिवराज पाटिल की बहू को मैदान में उतार दिया है।
ग्रामीण की सीट पर धीरज देशमुख भी चुनावी दंगल में फंसे हुए हैं
लातूर में पूर्व सीएम विलासराव देशमुख की विरासत बचाने की जंग
लातूर शहर सीट पर अमित देशमुख का अर्चना पाटिल से मुकाबला
बॉलीवुड अभिनेता रितेश देशमुख भाईयों की जीत को लगा रहे जोर
Maharashtra Assembly Election in 2024 :- महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में वैसे 46 विधानसभा सीटें हैं, मगर इस बार सबकी नजरें लातूर की दोनों सीटों पर टिकी हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मराठवाड़ा में इस किले को बचाने की चुनौती मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के दो बेटे अमित देशमुख और धीरज देशमुख लातूर में फिर से मैदान में हैं। अपने विधायक भाइयों की सीट बचाने के लिए एक्टर रितेश देशमुख भी दिन-रात चुनाव प्रचार में जुटे हैं। बीजेपी ने दोनों सीटों पर ऐसा प्रयोग किया है कि लातूर का चुनाव दिलचस्प हो गया है। लाडली बहिन योजना की लोकप्रियता के बीच बीजेपी ने देशमुख भाइयों की गुमशुदगी को मुद्दा बना दिया है। साथ ही जाति के हिसाब से ऐसे कैंडिडेट दिए हैं, जिससे देशमुख ब्रदर्स की राह आसान नहीं होगी।
अमित देशमुख का मुकाबला शिवराज पाटिल की बहू अर्चना से
Maharashtra Assembly Election in 2024 :- लातूर में एक बार फिर इतिहास दोहराने की संभावना जताई जा रही है। 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल लातूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। बीजेपी ने उनके मुकाबले कांग्रेस के नेता शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर की बहू रूपा पाटिल निलंगेकर को उतार दिया। शिवराज पाटिल चुनाव हार गए। दो दशक बाद बीजेपी ने यह प्रयोग लातूर शहरी क्षेत्र में दोहरा दिया। लातूर शहरी सीट पर अमित देशमुख का मुकाबला बीजेपी की डॉ. अर्चना पाटिल चाकुरकर से है, जो दिग्गज कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल की बहू है। लातूर से शिवराज पाटिल दो बार और विलासराव देशमुख पांच बार लगातार चुनाव जीत चुके हैं। दोनों परिवारों का मराठा वोटरों पर अच्छी पकड़ है। लातूर शहरी क्षेत्र से अमित देशमुख 2009 से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। 2019 में उन्होंने बीजेपी के शैलेष गोविंद लाहोटी को 40 हजार से अधिक वोटों से हराया था। 2014 में अमित को करीब 50 हजार वोटों से जीत मिली थी।
लिंगायत और ओबीसी वोटरों से बीजेपी को उम्मीद
Maharashtra Assembly Election in 2024 :- बीजेपी कैंडिडेट डॉ. अर्चना पाटिल चाकुरकर लिंगायत जाति से आती हैं। उनके पास शिवराज पाटिल की विरासत है। क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग एक लाख है, जो परंपरागत तौर से कांग्रेस के लिए वोट करते हैं। हिंदू वोटरों में सबसे ज्यादा लिंगायत है, जिसकी आबादी 85,000 है। इसके साथ ही लातूर शहरी सीट पर करीब 65,000 ओबीसी और 55, 000 मराठा समुदाय के लोग है। मराठा देशमुख परिवार को सपोर्ट करते रहे जबकि ओबीसी वोट बीजेपी के हिस्से में आया। 2024 के चुनाव में भी मुस्लिम और मराठा वोट अमित देशमुख के पक्ष में जाने की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि ओबीसी लिंगायत वोट बीजेपी को मिल सकता है। यह समीकरण कांग्रेस को परेशान कर रही है। इसके अलावा वंचित विकास अघाड़ी भी कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गई है, जिसके उम्मीदवार कांग्रेस के वोट ही काटेंगे।
अमित कर रहे रोड शो, अर्चना कर रही हैं पैदल जनसंपर्क
Maharashtra Assembly Election in 2024 :- चुनाव में अमित देशमुख मराठा आरक्षण और गन्ना किसानों के मुद्दे को उछाल रहे हैं। भव्य रोड शो और रैलियां उनके प्रचार की जान है। कांग्रेस के समर्थक उनमें विलासराव देशमुख की छवि देखते हैं। बीजेपी की डॉ. अर्चना पाटिल चाकुरकर भी रोजाना 15 किलोमीटर घूमकर जनसंपर्क कर रही है। अर्चना पाटिल का दावा है कि विधायक की गुमशुदगी से लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि लड़की बहिन योजना ने महिलाओं को सशक्त किया है, इसका लाभ उन्हें लोकसभा चुनाव में मिलेगा। कई लोग मानते हैं कि अगर अमित देशमुख ने अर्चना पाटिल को हल्के में लिया तो विलासराव देशमुख वाला हाल हो सकता है। 1995 में विलासराव देशमुख बीजेपी नेता शिवाजीराव पाटिल कव्हेकर से हार गए थे।
धीरज देशमुख के सामने उतार दिया अनुभवी उम्मीदवार
Maharashtra Assembly Election in 2024 :- 2008 में लातूर विधानसभा को दो हिस्सों में बांट दिया गया। लातूर शहरी और लातूर ग्रामीण। लातूर ग्रामीण सीट पर अभी तक तीन बार चुनाव हुए और सभी में कांग्रेस को जीत मिली। 2019 में विलासराव देशमुख के छोटे बेटे धीरज देशमुख चुनाव मैदान में पहली बार उतरे और 1,21,482 वोटों से शिवसेना उम्मीदवार को हराया था। पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर नोटा रहा, जिसे 27,500 वोट मिले थे। 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रमेश कराड को धीरज देशमुख के खिलाफ उतारा है, जो एक मजबूत कैंडिडेट माने जा रहे हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि इस बार चुनाव 2019 की तरह एकतरफा नहीं होगा। 2014 में रमेश कराड़ करीबी मुकाबले में कांग्रेस कैंडिडेट त्रिबंकराव भीसे से सिर्फ 10510 वोटों से हारे थे। रमेश कराड़ चौथी बार लातूर ग्रामीण से चुनाव मैदान में हैं।
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं दोनों भाई
Maharashtra Assembly Election in 2024 :- धीरज देशमुख अपने भाई अमित देशमुख जैसे गंभीर नहीं माने जाते हैं। लोग उन्हें उग्र राजनेता के तौर पर देखते हैं, जो अभी राजनीति सीख रहे हैं। धीरज में 15-20 गाड़ियों के काफिले के साथ लातूर ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। अपने भाषणों में वह भी मराठा आरक्षण का मुद्दा उठाते हैं। लातूर ग्रामीण से बीजेपी उम्मीदवार रमेश कराड ओबीसी नेता हैं। वह चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी पर निर्वाचन क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हैं। कराड का कहना है कि चुनाव के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार गायब हो जाते हैं। लोग ऐसा प्रतिनिधि चाहते हैं जो उनके बीच रहता हो। हालांकि रितेश देशमुख अपने भाइयों की जीत के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। वह अपने भाषणों में एक डॉयलॉग दोहराते हैं, लातूर के लोगों के खून में कांग्रेस है।
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