Success Story: Know how this miracle was done :- अहमदाबाद के एक साधारण शर्ट की दुकान के मालिक के बेटे भाविन पारेख ने पिता कारोबार को 431 करोड़ रुपये के विशाल टेक्सटाइल समूह में बदल दिया है। 2011 में भाविन पारेख ने अहमदाबाद में ग्लोब टेक्सटाइल्स की नींव रखी थी। तब वह सिर्फ 22 साल के थे। अपनी मेहनत और लगन से अब उन्होंने इसे 431 करोड़ की पब्लिक लिमिटेड कंपनी बना दिया है।
Success Story: Know how this miracle was done :- भाविन पारेख ने अपने पिता की छोटी सी शर्ट की दुकान को करोड़ों रुपये की टेक्सटाइल कंपनी में बदल दिया है। 2011 में सिर्फ 22 साल की उम्र में भाविन ने अहमदाबाद में ग्लोब टेक्सटाइल्स की स्थापना की थी। उन्होंने अपने पिता के रिटेल कारोबार को पब्लिक लिमिटेड कंपनी बना दिया। यह कंपनी 2024 तक 431 करोड़ रुपये की हो गई। आइए, यहां भाविन पारेख की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
पिता बेचते थे शर्ट
Success Story: Know how this miracle was done :- भाविन के पिता सूर्यकांत पारेख की मलिक स्टोर्स नाम की एक दुकान थी। वह हेनरी हिल और कस्टम कलर ब्रांड की शर्ट बेचते थे। अहमदाबाद के दूसरे रिटेलर्स और होलसेलर्स को भी सूर्यकांत शर्ट सप्लाई करते थे। गुजरात के बनासकांठा जिले के एक उद्यमी परिवार से आने वाले भाविन ने पिता के इस बिजनेस को आगे बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने इसे एक बड़ी कंपनी बनाने के बारे में सोचा।
2011 में रखी कंपनी की नींव
Success Story: Know how this miracle was done :- जब भाविन अपने पिता के शर्ट के कारोबार में शामिल हुए, तब सबकुछ सीमित था। विस्तार के लिए भाविन ने 2011 में 10 लाख रुपये के निवेश से ग्लोब टेक्सटाइल्स की स्थापना की। उन्होंने अहमदाबाद के खोखरा में लगभग 1000 वर्ग फुट की एक यूनिट से शुरुआत की। इसमें सिर्फ पांच कर्मचारी थे। शर्ट के साथ, उन्होंने निर्यात के लिए सारंग, लुंगी और प्रिंटेड फैब्रिक का उत्पादन शुरू किया। कंपनियों के लिए डेनिम फैब्रिक की कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग भी शुरू की। 2015 में ग्लोब ने रेडीमेड डेनिम गारमेंट के कारोबार में कदम रखा। जैकेट, ड्रेस, हैवी-वेट जींस और डेनिम शर्ट बनाना शुरू किया।
दिग्गजों के साथ काम कर रही है कंपनी
Success Story: Know how this miracle was done :- आज, ग्लोब टेक्सटाइल्स खोखरा में लगभग 3 लाख वर्ग फीट में फैली पांच मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स चलाती है। कंपनी देश-विदेश में बड़े ब्रांड्स को थर्ड-पार्टी मैन्यूफैक्चरर के रूप में गारमेंट्स की सप्लाई भी करती है। कंपनी के भारतीय ग्राहकों में बीइंग ह्यूमन, रिलायंस, स्पाइकर, जॉन प्लेयर्स, आइकॉनिक, पीपल और बेयर शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह इंडिटेक्स (जारा की मूल कंपनी), स्प्लैश ग्रुप (जो मैक्वीन, क्रिश्चियन लुबोटिन, फेंडी, वैलेंटिनो और वर्साचे जैसे प्रसिद्ध लेबल) और लैंडमार्क ग्रुप जैसे बड़े ब्रांड्स को टेक्सटाइल सप्लाई करती है। सिंगापुर, इंडोनेशिया, खाड़ी देशों और लैटिन अमेरिका की कंपनियों को भी वह सेवाएं देती है।
अब 1500 कर्मचारी करते हैं काम
Success Story: Know how this miracle was done :- कंपनी जिसमें पहले सिर्फ 5 कर्मचारी थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 1,500 हो गई है। ये लोग पांच अलग-अलग यूनिट्स में काम करते हैं। इनमें से लगभग 1,300 कर्मचारी सेल्स और मैन्यूफैक्चरिंग में हैं। बाकी कर्मचारी मार्केटिंग, फाइनेंस, लॉजिस्टिक्स और प्रोडक्शन संभालते हैं। 46 वर्षीय भाविन का जन्म और पालन-पोषण अहमदाबाद में हुआ। उन्होंने 1997 में अहमदाबाद के न्यू सौरभ हायर सेकेंडरी स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की। मार्केटिंग और फानेंस में BBA ऑनर्स के लिए ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में स्विनबर्न यूनिवर्सिटी गए, जहां से उन्होंने 2000 में ग्रेजुएशन किया। भाविन के बड़े भाई भाविक पारेख ग्लोब के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। वह नए उभरते बाजारों और उत्पादों को संभालते हैं। भाविन CEO हैं और फाइनेंस, एडमिनिस्ट्रेशन और गारमेंट बिजनेस की देखरेख करते हैं।