Chaiti Chhath Puja 2024 – रोहिणी नक्षत्र-आयुष्मान योग में नहाय-खाय के साथ पर्व आरंभ होगा। वहीं 13 अप्रैल शनिवार को मृगशिरा नक्षत्र व शोभन योग में व्रती पूरे दिन निराहर रह कर शाम में खरना का पूजा कर गुड़ से बने खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास को लेकर संकल्प लेंगी। 14 अप्रैल रविवार को आर्द्रा नक्षत्र व गर करण योग में व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी।
Chaiti Chhath Puja 2024 – लोक आस्था का महावपर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान चैत्र शुक्ल चतुर्थी तिथि शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ होगा।को अर्घ्य देंगी। छठ व्रती गंगा स्नान कर घरों में गंगाजल लाकर पूजन करने के बाद अरवा चावल, सेंधा नमक, चने का दाल, लौकी की सब्जी, आंवला की चटनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगी। वहीं, 13 अप्रैल शनिवार को मृगशिरा नक्षत्र व शोभन योग में व्रती पूरे दिन निराहर रह कर शाम में खरना का पूजा कर गुड़ से बने खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास को लेकर संकल्प लेंगी।
Chaiti Chhath Puja 2024 – 14 अप्रैल रविवार को आर्द्रा नक्षत्र व गर करण योग में व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी। 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पारण कर चार दिवसीय महापर्व को पूर्ण करेंगी। धार्मिक मतों के अनुसार खरना का प्रसाद ग्रहण करने से निरोग काया, बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है। भगवान सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है। सूर्य की कृपा से घरों में सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है।
एक नजर में चैती छठ महापर्व
12 अप्रैल 2024, शुक्रवार: नहाय-खाय 13 अप्रैल 2024, शनिवार: खरना
14 अप्रैल 2024, रविवार: सायंकालीन अर्घ्य
15 अप्रैल 2024, सोमवार: उदयकालीन अर्घ्य व पारण