Petrol / Diesel Latest Prices – कच्चे तेल का भाव ज्यादा बढ़ता है तो तेल कंपनियों को अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में वे अपने घाटे की भरपाई करने के लिए पेट्रोल-डीजल का भाव बढ़ाकर अपना बोझ आम जनता पर डाल सकती हैं। इससे ओवरऑल महंगाई भी बढ़ सकती है क्योंकि डीजल का दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ेगी और फल सब्जियों कीमतों में भी उछाल आ सकता है।
अभी क्रूड ऑयल का मौजूदा भाव करीब 80 डॉलर प्रति बैरल है।
HIGHLIGHTS..
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि कच्चे तेल के दाम में उछाल आ सकता है।
ऐसा होने की सूरत में तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ सकती हैं।
Petrol / Diesel Latest Prices – प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि गर्मियों में कच्चे तेल की डिमांड में तगड़ा उछाल आएगा और इससे बेंचमार्क ब्रेंट का भाव भी बढ़ेगा। इससे आशंका है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि कच्चे तेल की डिमांड में तेजी मुख्य तौर पर जेट फ्यूल की मांग में रिकवरी की वजह से आएगी।
क्रूड ऑयल 86 डॉलर प्रति बैरल तक जाएगा!
Petrol / Diesel Latest Prices – अभी क्रूड ऑयल का मौजूदा भाव करीब 80 डॉलर प्रति बैरल है। गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि चीन से डिमांड कमजोर होने के बाद भी यह 86 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। इसने कच्चे तेल की कीमतों को 75-90 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहने का अनुमान जताया है। लेकिन, अगर भूराजनीतिक तनाव ज्यादा बढ़ता है, तो यह 90 डॉलर के पार भी जा सकता है। अगर कच्चे तेल का भाव ज्यादा बढ़ता है, तो तेल कंपनियों को अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में वे अपने घाटे की भरपाई करने के लिए पेट्रोल-डीजल का भाव बढ़ाकर अपना बोझ आम जनता पर डाल सकती हैं। इससे ओवरऑल महंगाई भी बढ़ सकती है, क्योंकि डीजल का दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ेगी और फल सब्जियों कीमतों में भी उछाल आ सकता है।
बड़ा बदलाव लंबे समय से कीमतों में नहीं हुआ है
Petrol / Diesel Latest Prices – तेल कंपनियों ने 2 साल से अधिक समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बड़ा इजाफा नहीं किया है। लोकसभा चुनाव से पहले आम जनता को थोड़ी राहत मिली थी, जब पेट्रोल और डीजल के दाम में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई थी। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 21 मई 2022 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती का एलान किया था।
पेट्रोल डीजल का दाम भारत में कैसे तय होता है?
Petrol / Diesel Latest Prices – पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतें केंद्र सरकार तय करती थी और यह हर 15 दिन में रिवाइज्ड होती थी। लेकिन, सरकार ने साल 2010 से पेट्रोल की प्राइस तय करने का जिम्मा तेल कंपनियों को सौंप दिया। इसी तरह 2014 से डीजल का दाम भी तेल कंपनियां ही निर्धारित कर रही हैं। अब ऑयल कंपनियां हर रोज पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स और पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च जैसी के हिसाब से कीमतों में बदलाव होता है।
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