Maharashtra Vidhan Sabha Assembly Election :- महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बीच में कांग्रेस को झटका लगा है। एक दिन पहले पार्टी छोड़ने वाले रवि राजा दिवाली के दिन बीजेपी में शामिल हो गए। वह फडणवीस की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए। रवि राजा मुंबई में कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में शामिल थे। वह कुछ समय के लिए बीएमसी में नेता विपक्ष भी रहे।
- फडणवीस ने राजा का BJP में स्वागत किया
- मुंबई में कांग्रेस पार्टी को लगा बड़ा झटका
- पार्टी नेता रवि राजा बीजेपी में शामिल हुए
- एक दिन पहले पार्टी से दिया था इस्तीफा
Maharashtra Vidhan Sabha Assembly Election :- महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच बीजेपी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। मुंबई में कांग्रेस के बड़े नेता और बीएमसी में नेता विपक्ष रह चुके रवि राजा बीजेपी में शामिल हो गए हैं। रवि राजा ने एक दिन पहले 30 अक्तूबर को पार्टी से इस्तीफा दिया था। दिवाली के दिन रवि राजा देवेंद्र फडणवीस और आशीष शेलार की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए। रवि राजा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेजा था। मुंबई में कांग्रेस ऐसे वक्त पर झटका लगा है जब महाराष्ट्र के विधानासभा चुनाव है और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।
रवि राजा 44 साल तक कांग्रेस में रहे
Maharashtra Vidhan Sabha Assembly Election :- रवि राजा कांग्रेस में 44 साल तक रहे। इस दौरान उन्हें विभिन्न पदों पर काम करने का मौका मिला। वह बीएमसी में नेता विपक्ष भी रहे। मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने इस्तीफे में रवि राजा ने लिखा है कि वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, कांग्रेस पार्टी से अपनी प्राथमिक सदस्यता और राजनीतिक मामलों की समिति मुंबई के सदस्य के रूप में अपना इस्तीफा दे रहा हूं। 1980 से युवा कांग्रेस सदस्य के रूप में मैंने पार्टी की पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ सेवा की है। राजा ने लिखा था कि कांग्रेस ने 44 साल की सेवा का सम्मान नहीं किया गया है। इसलिए मैं अपने सभी पार्टी पदों से इस्तीफा देने का यह निर्णय ले रहा हूं। इसे स्वीकार करें।
फडणवीस बोले, यह शुरुआत है
Maharashtra Vidhan Sabha Assembly Election :- रवि राजा के बीजेपी में शामिल होने के मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में कांग्रेस के और नेता बीजेपी में आएंगे। महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ रही है। इसके बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस है जो सौ से अधिक सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी है। लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस ने जीती थीं।