Success Story: Left the bank job and started my own work :- रोहित झा ने बैंकिंग करियर छोड़कर ट्रांससेलेस्टियल नाम की कंपनी की स्थापना की है। यह कंपनी लेजर नेटवर्क का इस्तेमाल करके इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार करती है। झा ने झारखंड से सिंगापुर जाकर शिक्षा प्राप्त की और फिर अपना स्टार्टअप शुरू किया।
Success Story: Left the bank job and started my own work :- नई दिल्ली: झारखंड के रहने वाले रोहित झा ने ‘ट्रांससेलेस्टियल’ नाम की कंपनी शुरू की है। इस कंपनी ने लगभग 207 करोड़ रुपये (2.4 करोड़ डॉलर) की फंडिंग हासिल की है। 36 साल के रोहित पहले सिंगापुर में बैंकिंग सेक्टर में काम करते थे। उन्होंने अपने स्पेस और टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के जुनून को पूरा करने के लिए यह जमी-जमाई नौकरी छोड़ दी। आज उनकी गिनती सफल उद्यमियों में होती है। आइए, यहां रोहित झा की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
पले-बढ़े जमशेदपुर में
Success Story: Left the bank job and started my own work :- जमशेदपुर में पले-बढ़े रोहित झा ने हाईस्कूल के बाद सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप पर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। 2011 में उन्होंने रॉयल बैंक ऑफ कनाडा में हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग में अपना करियर शुरू किया। यहीं उन्हें एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। बैंकिंग सेक्टर में काम करते हुए रोहित को एहसास हुआ कि इंटरनेट इतना खराब क्यों है।
ध्यान इस बात पर गया
Success Story: Left the bank job and started my own work :- रोहित ने पाया कि दुनिया का ज्यादातर इंटरनेट समुद्र तल में बिछे फाइबर ऑप्टिक केबलों के नेटवर्क से आता है। ये केबल महाद्वीपों को जोड़ते हैं। इन केबल को बिछाने में अरबों डॉलर लगते हैं। समुद्री गतिविधियों के कारण इनमें खराबी भी आती है। लोगों तक इंटरनेट पहुंचाना महंगा होता है। यही कारण है कि इंटरनेट कंपनियां ज्यादातर बड़े शहरों पर ध्यान देती हैं, जहां उन्हें ज्यादा मुनाफा होता है। वे छोटे शहरों और गांवों को नजरअंदाज कर देती हैं या वहां सीमित इंटरनेट सेवा देती हैं। इसी दौरान रोहित को यह भी लगा कि बैंकिंग का क्षेत्र उनके लिए सही नहीं है।
नौकरी 2025 में छोड़ दी
Success Story: Left the bank job and started my own work :- 2015 में रोहित ने नौकरी छोड़ दी और एक साल घूमने में बिताया। फिर उन्होंने ‘ट्रांससेलेस्टियल’ की शुरुआत की। यह स्टार्टअप लेजर तकनीक से चलने वाला एक नेटवर्क बना रहा है जो मोबाइल टावरों, स्ट्रीट लाइट पोल और दूसरे स्ट्रक्चर्स को जोड़ता है। यह फाइबर जैसी तेज इंटरनेट सेवा प्रदान करता है, जिससे इंटरनेट की पहुंच बेहतर हो सके। ट्रांससेलेस्टियल की महत्वाकांक्षाएं काफी ऊंची हैं। कंपनी की योजना लो अर्थ ऑर्बिट में छोटे सैटेलाइट का एक समूह बनाने की है। इससे उनका लेजर नेटवर्क न केवल शहरों को, बल्कि पूरे महाद्वीपों को भी जोड़ सकेगा।
चाहत यह है
Success Story: Left the bank job and started my own work :- रोहित झा की कहानी प्रेरणादायक है। यह दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने जुनून का पीछा करके बड़ा बदलाव ला सकता है। उनकी कंपनी ट्रांससेलेस्टियल इंटरनेट की दुनिया में क्रांति लाने की क्षमता रखती है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां अभी भी इंटरनेट की पहुंच सीमित है। रोहित का मानना है कि इंटरनेट एक बुनियादी अधिकार होना चाहिए और सभी को इसका लाभ मिलना चाहिए। लेजर तकनीक से चलने वाला उनका नेटवर्क पारंपरिक फाइबर ऑप्टिक केबल की तुलना में सस्ता और तेज इंटरनेट प्रदान कर सकता है। यह दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच को आसान बना सकता है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है।