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Success Story: लोग हैरान कंप्यूटर इंजीनियर ने नौकरी छोड़ शुरू किया अपना काम, अब 23 करोड़ का सालाना टर्नओवर,!

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Success Story Left job and started dairy farming :- कंप्यूटर इंजीनियर दीपक राज तुषीर ने कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर हरियाणा में डेयरी बिजनेस में कदम रखा। उन्होंने न्यूजीलैंड तकनीक का उपयोग करके 500 पशुओं का सफल व्यवसाय स्थापित किया है। इसका सालाना टर्नओवर 23 करोड़ रुपये है।

Success Story Left job and started dairy farming :-  नई दिल्‍लीहरियाणा के दीपक राज तुषीर ने 10 साल कॉर्पोरेट नौकरी करने के बाद डेयरी फार्मिंग में कदम रखा। वह कंप्यूटर इंजीनियर हैं। न्यूजीलैंड की तकनीक अपनाकर उन्होंने 500 से ज्‍यादा पशुओं वाला डेयरी साम्राज्य खड़ा किया है। इसका सालाना टर्नओवर 23 करोड़ रुपये है। दीपक ने अपने गांव के विकास में योगदान देने के लिए यह कदम उठाया। उन्होंने अपने दो साथी कंप्यूटर इंजीनियरों और दो न्यूजीलैंड के किसानों के साथ मिलकर बिंसर फार्म्स की स्थापना की। शुरुआती चुनौतियों का सामना करते हुए दीपक ने आधुनिक तकनीक और डेटा विश्लेषण का इस्‍तेमाल करके अपने व्यवसाय को सफल बनाया। वह अब दूध के अलावा कई तरह के डेयरी उत्पाद भी बेचते हैं। साथ ही स्थानीय किसानों की भी मदद करते हैं। आइए, यहां दीपक राज तुषीर की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

नौकरी छोड़ डेयरी फार्मिंग शुरू की

Success Story Left job and started dairy farming :- दीपक राज तुषीर सोनीपत, हरियाणा के जंती खुर्द गांव के रहने वाले हैं। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और MBA (IT) की पढ़ाई के बाद उन्होंने विप्रो में 10 साल तक काम किया। लेकिन, अपने गांव और खेती के प्रति लगाव के कारण दीपक ने 2012 में नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग शुरू करने का फैसला किया। उनका लक्ष्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं था। अलबत्‍ता, एक ऐसा स्थायी कृषि मॉडल बनाना था जिससे समुदाय को भी फायदा हो। इस काम में उनके साथ दो और कंप्यूटर इंजीनियर पंकज नवाणी और सुखविंदर सराफ और दो न्यूजीलैंड के किसान भी शामिल हुए। सभी के साथ मिलकर बिंसर फार्म्स की नींव रखी।

बहुत छोटी थी शुरुआत

Success Story Left job and started dairy farming :- दीपक और उनके साथियों ने डेयरी फार्मिंग का काम एक साल की बछिया से शुरू किया। उन्होंने HF, जर्सी और भारतीय नस्लों की गायों को चुना, क्योंकि ये मशीन से दूध निकालने के लिए उपयुक्त थीं। उनका मानना था कि इन नस्लों पर पहले से ही काफी शोध हो चुका है। ये मशीन मिल्किंग के अनुकूल हैं। तीनों गांवों से थे और ईकोसिस्‍टम में सकारात्मक योगदान देना चाहते थे ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को मदद मिले। क्‍वालिटी दूध को लेकर शहर में उनका अनुभवों अच्‍छा नहीं रहा था। इसी ने उन्‍हें अपना डेयरी फार्म शुरू करने के लिए प्रेरित किया।

शुरुआत में चुनौतियों का किया सामना

Success Story Left job and started dairy farming :- शुरुआत में दीपक और उनके साथ‍ियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 50 गायों में से 15 बीमारियों के कारण मर गईं। लोग उनका मजाक उड़ाते थे। कारण था कि उन्हें खेती का कोई अनुभव नहीं था। मवेशी खरीदना अपने आप में एक चुनौती थी। वे कंप्यूटर इंजीनियर थे जो नए क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इस नुकसान ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी। अपने IT ज्ञान का इस्‍तेमाल करके उन्होंने गायों का वजन और लैब टेस्ट कराना शुरू किया। उन्होंने पाया कि स्वस्थ गायों का वजन अच्छा होता है, जबकि कम वजन वाली गायें बीमार रहती हैं। डेटा मैनेजमेंट के जरिए वे बीमारियों का जल्दी पता लगाकर इलाज कराने लगे।

आज हजारों लीटर दूध की बिक्री

Success Story Left job and started dairy farming :- दीपक और उनके साथियों ने अच्छी नस्ल के लिए विदेशों से सीमेन मंगवाया। इससे उनके पशु ज्‍यादा स्वस्थ और दूध देने वाले हुए। शुरुआत में उन्हें दूध का उचित दाम नहीं मिल पाता था। प्रति लीटर केवल 18-19 रुपये मिलते थे। इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने दूध को बोतलों में पैक करना शुरू किया। गुणवत्तापूर्ण दूध की मांग बढ़ने लगी और उनकी बिक्री 4-10 लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 7,000-8,000 लीटर प्रतिदिन हो गई। आज बिंसर फार्म्स अपने ऐप के जरिए कई तरह के डेयरी उत्पाद बेचता है। इनमें मक्खन, फ्लेवर्ड दूध, लस्सी, दही, पनीर और घी शामिल हैं।