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Success Story: इंजीनियरिंग छोड़ इस महिला ने शुरू किया यह काम, 7000 रुपये से 30 लाख तक का सफर,

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This woman left engineering and started this work :-  जयपुर की सिद्धि गर्ग ने अपने कारोबार के जरिए राजस्थान की परंपरा को भी कायम रखा है। वह वह ‘कुर्ता घर’ ब्रांड के अंतर्गत गोटा पट्टी लगे कुर्ते, साड़ी आदि बेचती हैं। सिद्धि आईटी इंजीनियर रह चुकी हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर अपना कारोबार शुरू किया। आज उनकी कमाई लाखों रुपये में है।

This woman left engineering and started this work :- नौकरी छोड़कर खुद का काम करना कभी आसान नहीं होता। वह भी तब कोई शख्स आईटी इंजीनियर हो। लेकिन लगन और हौसला कायम रहे तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ किया है जयपुर की सिद्धि गर्ग ने। सिद्धि आईटी इंजीनियर रही हैं। उन्होंने अपनी जॉब छोड़ कुर्ते का कारोबार शुरू किया। वह ‘कुर्ता घर’ ब्रांड के अंतर्गत कुर्ते बेचती हैं। आज उनका सालाना टर्नओवर लाखों रुपये है। उनके बनाए कुर्तों की काफी डिमांड रहती है।

कारोबार क्या है सिद्धि का?

This woman left engineering and started this work :- सिद्धि हाथ से बने कुर्ते बेचती हैं। उनके कुर्ते की खासियत उसमें इस्तेमाल होने वाली गोटा पट्टी है। इसे गोल्डन मेटल रिबन वर्क के नाम से भी जानते हैं। राजस्थान के शाही दरबारों से गोल्डन मेटल रिबन वर्क यानी गोटा पट्टी की शुरुआत हुई। आजकल गोटा पट्टी पारंपरिक भारतीय कपड़ों, खासकर लहंगे, साड़ी और कुर्ती में खूब दिखाई देती है। गोटा पट्टी बनाने के लिए सुनहरे धातु के रिबन को बारीकी से काटा और आकार दिया जाता है। इन्हें लूप और कर्व में बदलकर कपड़े पर सिल दिया जाता है। इससे एक अनोखा टेक्सचर और चमक पैदा होती है।

आइडिया कैसे आया इस बिजनेस का?

This woman left engineering and started this work :- ‘कुर्ता घर’ की शुरुआत भी कुछ अनोखे तरीके से हुई। सिद्धि बताती हैं, ‘जब मैं स्थानीय बाजारों में गई तो मैंने देखा कि बहुत सारे एजेंट हाथ के काम को बेचते हैं। लेकिन वे असली कीमत के नाम पर लोगों को लूट रहे हैं। ग्राहकों से प्रति कपड़े के टुकड़े के लिए 14,000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। मुझे यह नैतिक नहीं लगा।’ साल 2022 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और स्टार्टअप ‘कुर्ता घर’ शुरू किया। वह अपने इस स्टार्टअप के जरिए न केवल राजस्थान की पारंपरिक तकनीकों को बढ़ावा दे रही हैं बल्कि कम कीमत पर कपड़े मुहैया करा रही हैं।

शुरुआत मात्र 7000 रुपये से की

This woman left engineering and started this work :- कुर्ता घर को शुरू करने से पहले सिद्धि 7 साल तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर चुकी थीं। जॉब छोड़ने के बाद सिद्धि ने अपनी बहन के फाइनेंस के कारोबार में मदद की। कुछ समय बाद उन्होंने कुर्ता घर को शुरू किया। सिद्धि ने अपने कारोबार की शुरुआत मात्र 7 हजार रुपये से की थी। इस सेक्टर के बारे में सिद्धि को कोई अनुभव नहीं था। लेकिन दृढ़ संकल्प और हौसले के दम पर वह आगे बढ़ती गईं।

ऑर्डर हर महीने 200 से 300

This woman left engineering and started this work :- सिद्धि की खुद की वेबसाइट है। एक महीने में उन्हें करीब 200-300 ऑर्डर मिल जाते हैं। सिद्धि को देशभर से ऑर्डर मिल रहे हैं। इसके अलावा विदेशों से भी उन्हें ऑर्डर मिलते हैं। इनके कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के भी ग्राहक हैं। सिद्धि का इरादा केवल कपड़े बेचना नहीं, बल्कि सदियों पुरानी इन हस्तशिल्पों को संरक्षित और बढ़ावा देना भी है। इसके ये कुर्ते दुकानों और ऑनलाइन मार्केट के मुकाबले काफी सस्ती कीमत पर मिल जाते हैं।

सालाना कारोबार कितना है?

This woman left engineering and started this work :- सिद्धि अपने कारोबार को ऑनलाइन चलाती हैं। वह देश के कई शहरों में अपने कुर्ते बेच चुकी हैं। काफी लोग इनके रेगुलर कस्टमर बन गए हैं और काफी खरीदारी करते हैं। वह कुर्तों में गोटा पट्टी के साथ जरदोजी और मोती का भी इस्तेमाल करती हैं। ब्रांड की इन्वेंट्री में बिना सिले सूट, साड़ी और अन्य पारंपरिक पोशाक शामिल हैं। इनकी कीमत आमतौर पर 1995 रुपये से शुरू होती है। सिद्धि के इस कारोबार का सालाना रेवेन्यू 30 लाख रुपये है।