Success Story: Two friends built an empire worth Rs 40,000 crore :- विदित आत्रेय और संजीव बरनवाल ने 2015 में मीशो की नींव डाली थी। मीशो महिलाओं, विशेषकर गृहिणियों को सोशल नेटवर्क पर व्यापार करने का प्लेटफॉर्म प्रदान करती है। इसने लाखों-लाख महिलाओं को ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने में मदद की है।
Success Story: Two friends built an empire worth Rs 40,000 crore :- आईआईटी दिल्ली के दो दोस्तों विदित आत्रेय और संजीव बरनवाल ने कड़ी मेहनत और लगन से मीशो नाम का सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाया है। इसने ई-कॉमर्स की दुनिया में तहलका मचा दिया। मीशो ‘मेरी शॉप’ का संक्षिप्त रूप है। इसे मुख्य रूप से महिला उद्यमियों के लिए बनाया गया था ताकि वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें। आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन पाएं। 2015 में शुरू हुई यह कंपनी अब करीब 40,000 करोड़ रुपये के साम्राज्य में बदल चुकी है। आइए, यहां विदित आत्रेय और संजीव बरनवाल की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
आईआईटी से निकल दोनों करने लगे नौकरी
Success Story: Two friends built an empire worth Rs 40,000 crore :- विदित आत्रेय और संजीव बरनवाल आईआईटी दिल्ली में जिगरी दोस्त थे। दोनों मीशो के संस्थापक हैं। यह सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म है। इसने ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में क्रांति ला दी। आईआईटी से स्नातक होने के बाद संजीव बरनवाल जापान चले गए। वहां उन्होंने सोनी की कोर टेक टीम में काम किया। इस दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा। काफी अच्छा अनुभव प्राप्त किया। फिर भी, उनके मन में हमेशा से अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा थी। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने दोस्त विदित आत्रेय से संपर्क किया। विदित उस समय बेंगलुरु की कंपनी InMobi में काम कर रहे थे।
दो कमरों के फ्लैट से हुई शुरुआत
Success Story: Two friends built an empire worth Rs 40,000 crore :- जून 2015 में स्टार्टअप के आइडिया पर काम करते हुए संजीव और विदित ने अपनी-अपनी नौकरियां छोड़ दीं। जब उन्होंने यह फैसला लिया तो लोगों के ताने भी सुनने को मिले। इसका एक कारण यह भी था कि दोनों को अपनी-अपनी नौकरी में काफी अच्छी सैलरी मिल रही थी। उनका शुरुआती टारगेट एक ऐसा फैशन मार्केटप्लेस बनाना था जो व्यवसायों की सफलता को प्राथमिकता दे। 2015 के अंत में, बेंगलुरु के कोरमंगला इलाके में एक छोटे से दो कमरों वाले फ्लैट में मीशो का ऑपरेशन शुरू हुआ। उनका पहला ऑफिस उनका डाइनिंग टेबल था।
काम का तरीका है अलग
Success Story: Two friends built an empire worth Rs 40,000 crore :- आत्रेय और बरनवाल ने महसूस किया कि फेसबुक और व्हाट्सएप व्यापार के लिए पूरी तरह से उपयुक्त नहीं हैं। विक्रेताओं को सोशल मीडिया का बेहतर इस्तेमाल करने में मदद करने के लिए उन्होंने मीशो की शुरुआत की। मीशो अनोखे बिजनेस मॉडल पर काम करता है। इसमें ‘रीसेलर्स’, जो ज्यादातर गृहिणियां होती हैं, अपने सोशल नेटवर्क में सामान बेचती हैं। ‘सेलर्स’ ऐप पर अपना मार्केटप्लेस बनाते हैं। ग्राहकों से बातचीत करने के लिए वे व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। वे अपनी फेसबुक प्रोफाइल को मीशो से जोड़ते हैं। पेमेंट लिंक भी व्हाट्सएप के जरिए ही भेजते हैं। मीशो सामान की डिलीवरी का प्रबंधन करता है। विक्रेताओं से कमीशन लेकर कमाई करता है।
लाखों-लाख महिलाओं को किया सशक्त
Success Story: Two friends built an empire worth Rs 40,000 crore :- मीशो महिला उद्यमियों के लिए एक रीसेलिंग प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू हुई, जिससे उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने और पैसे कमाने में मदद मिली। बिना किसी शुरुआती निवेश के इस सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने लाखों-लाख उद्यमियों को अपना ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करने में मदद की है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं। मीशो भारत में महिला सशक्तिकरण का मजबूत माध्यम बन गया है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिल रही है। मीशो की सफलता की कहानी दुनिया भर के लाखों उद्यमियों के लिए प्रेरणा है, जो इनोवेशन की शक्ति को दिखाती है।