The pain of the young man who lost his mother in Tirupati accident :- तिरुपति में बुधवार को हुई भीषण भगदड़ में जीवित बचे लोग जब इस भयावह मंजर को याद करते हैं तो उनकी आंखों में घटना का खौफ साफ नज़र आता है। इसमें जीवित बचे कुछ लोगों ने बताया कि पांच मिनट तक ऐसा लगा मानो अब जिंदा नहीं बचेंगे।
The pain of the young man who lost his mother in Tirupati accident :- विशाखापत्तनम: तिरुपति में वैकुंठ एकादशी के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें विशाखापत्तनम के कई लोगों की जान चली गई। इस हादसे ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। हादसा कैसे हुआ, इसकी अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिली है। लेकिन भारी भीड़ के कारण यह दुर्घटना हुई। विशाखापत्तनम के 18 साल के कंदीपल्ली महेंद्र वरप्रसाद ने अपनी मां को इस भगदड़ में खो दिया। उनकी मां के. शांति सिर्फ़ 38 साल की थीं। वरप्रसाद ने एक वायरल वीडियो में अपनी मां की मृत्यु के बारे में पता चला।
The pain of the young man who lost his mother in Tirupati accident :- उन्होंने बताया कि भगदड़ के बाद, हमने सरकारी अस्पताल और SVIMS अस्पताल में उनकी तलाश की। घंटों बाद हमें एक वायरल वीडियो से उनकी मृत्यु के बारे में पता चला। वरप्रसाद ने कहा कि मैंने अपने जीवन में सब कुछ खो दिया है, मेरा भविष्य अनिश्चित है। वहीं विजाग शहर के एस. सतीश अपनी पत्नी एस. लावण्या (38) के गुजर जाने से बेहद दुखी हैं। वह खुद को कोस रहे हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी को तिरुपति तीर्थयात्रा पर जाने की जिद के आगे झुक गए।
पति ने किया जाने के लिए मना
The pain of the young man who lost his mother in Tirupati accident :- सतीश ने कहा कि उसने कहा था कि वह सुरक्षित वापस आ जाएगी। उसने झूठ बोला। वह अब कभी वापस नहीं आएगी। लावण्या ने वैकुंठ एकादशी के लिए स्पेशल दर्शन टिकटों की कतार में खड़े होकर सतीश और अपनी दो बेटियों, श्री लास्या और कीर्ति से बात की थी। सतीश ने याद करते हुए कहा कि मैंने उसे भारी भीड़ का हवाला देते हुए तिरुपति न जाने के लिए कहा था, लेकिन उसने मेरी बातों को अनसुना कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक अपनी बेटियों को इस दुखद घटना के बारे में नहीं बताया है।
भगदड़ में जी रजनी की मौत
The pain of the young man who lost his mother in Tirupati accident :- विशाखापत्तनम की 47 वर्षीय जी. रजनी ने अपने बेटे जी. हर्षवर्धन रेड्डी का अमेरिका में उज्जवल भविष्य का सपना देखा था। लेकिन इससे पहले कि वह अपना सपना सच होते देख पातीं, तिरुपति की भगदड़ में उनकी मौत हो गई। आर्थिक तंगी के बावजूद, रजनी और उनके ऑटो चालक पति, जी. लक्ष्मण रेड्डी ने अपने बेटे की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने अपने बेटे की टेक्सास, अमेरिका में MS की पढ़ाई का खर्च उठाया। उनके दुखी पति ने कहा कि वह इस सदमे से कभी बाहर नहीं निकल पाएंगे। उनका बेटा अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए शुक्रवार को विजाग पहुंचेगा।