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एक नहीं कई वजहों से प्रचलन में है ये प्रथा, शादी के बाद पहली होली ससुराल में क्यों नहीं खेलती बहू?

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This practice is in practice for not one but many reasons  :- रंगों का त्योहार होली (Holi 2025 ) हर किसी के लिए बेहद खास होता है। खासकर शादी के बाद इस पर्व की खुशी दोगुनी हो जाती है। देशभर में इसे लेकर कई तरह की मान्यताएं और प्रथाएं प्रचलित है। इन्हीं में से एक बहू की पहली होली ससुराल में नहीं मनाने की परंपरा है। इसके पीछे कई सारे कारण होते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये कारण।

होली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है।

इस त्योहार को लेकर देश में कई मान्यताएं प्रचलित हैं।

कहा जाता है कि शादी के बाद पहली होली ससुराल नहीं मनाई जाती है।

This practice is in practice for not one but many reasons  :- पूरे देश में इस समय होली के त्योहार की तैयारियां जोरों-शोरो से चल रही है। रंगों का यह त्योहार हर साल देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे रंगों के साथ हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व हर साल फाल्गुन पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इसी क्रम में इस साल 14 मार्च को होली मनाई जाएगी।

This practice is in practice for not one but many reasons  :- यह त्योहार कई मायने में बेहद खास जाना है। हर किसी के लिए इस पर्व अपना महत्व होता है। साथ ही इसे लेकर अलग-अलग जगहों और लोगों की कई मान्यताएं और परंपराएं (Holi rituals 2025) भी होती हैं। इन्हीं एक शादी के बाद ससुराल में होली न मनाने (newlywed bride holi Rituals) की प्रथा है। यह मान्यता देश के कई हिस्सों में देखने को मिलती है, जहां शादी के बाद पहली होली (first Holi after marriage) पर लड़की को मायके  भेज दिया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इस मान्यता के पीछे कारण-

क्यों ससुराल में नहीं मनाते पहली होली?

This practice is in practice for not one but many reasons  :- शादी के बाद ससुराल में पहली होली मनाने को लेकर कई तरह की मान्यताएं और धारणाएं हैं। शादी के बाद ससुराल में पहली होली न मनाने के पीछे भी ऐसी ही कुछ मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर बहू शादी के बाद अपनी पहली होली ससुराल में मनाती हैं, तो यह बेहद अशुभ होता है। खासकर उत्तर भारत में यह प्रथा काफी चलन में है और इसलिए शादी के बाद पहली होली पर यहां बहू को उसके मायके भेज दिया जाता है।

रिश्तों में आती है खटास

This practice is in practice for not one but many reasons  :- धार्मिक मान्यताओं की मानें, तो शादी के बाद अगर mother-in-law and daughter-in-law

साथ में होलिका दहन देखती हैं, तो इससे उनके रिश्तों में खटास आती है और उनके बीच हमेशा तनाव रहता है। इसलिए शादी के बाद पहली होली पर बहू को उसके मायके भेज दिया जाता है, ताकि सास-बहू के रिश्तों में टकराव की जगह स्नेह बना रहे।

यह भी है मान्यता

This practice is in practice for not one but many reasons  :- पहली होली ससुराल में न मनाने के पीछे और भी कई मान्यताएं हैं। ऐसी ही एक मान्यता के मुताबिक कहा जाता है कि अगर लड़की शादी के बाद पहली होली पर ससुराल में रहती हैं, तो इससे घर में कलह होता है और आपसी संबंधों में भी मनमुटाव आता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि शादी के बाद अगर लड़का अपने ससुराल में पत्नी के साथ होली मनाता है, तो इससे Love increases in the relationship.

यह भी एक कारण

This practice is in practice for not one but many reasons  :- इस प्रथा के पीछे एक और वजह छिपी हुई है। दरअसल, शादी के बाद अक्सर बहू को ससुराल में कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। साथ ही अपनी मर्यादाओं का भी ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में सबके सामने पति के साथ होली खेलना काफी असहज हो सकता है। इसलिए पहली होली पर लड़की ससुराल जाती है, तो वहां पति के साथ होली का आनंद ले सकती है।

Disclaimer: लेख में उल्लेखित जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना, मान्यताओं और धारणाओंपर आधारित हैं। www.sahabshanti.com इन बातों का समर्थन नहीं करता है। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। sahabshanti अंधविश्वास के खिलाफ है।