Cut in deposit rates has started :- आरबीआई ने अपनी पिछली मीटिंग में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी। इसके बाद बैंकों और एनबीएफसी ने एफडी पर ब्याज दरें कम करनी शुरू कर दी हैं। आरबीआई की एमपीसी की अगले हफ्ते फिर मीटिंग होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस बार भी रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की जा सकती है।
Cut in deposit rates has started :- बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) ने डिपॉजिट रेट्स घटाने शुरू कर दिए हैं। उम्मीद है कि अगले हफ्ते (RBI) ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है साथ ही लिक्विडिटी (रुपये की उपलब्धता) में भी सुधार होने की बात कही जा रही है। HDFC बैंक, यस बैंक, बंधन बैंक और NBFC बजाज फाइनेंस ने इस हफ्ते डिपॉजिट रेट्स घटा दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इससे आने वाले दिनों में लोन (उधार) पर ब्याज दरें भी कम होंगी और RBI की नीतियों का असर आम लोगों तक जल्दी पहुंचेगा। RBI ने जनवरी से सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। मंगलवार को उसने और 80,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदने का ऐलान किया। यानी RBI बाजार में और पैसा डाल रही है ताकि ब्याज दरें कम हो।
Cut in deposit rates has started :- इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक, इस साल फरवरी में सेंट्रल बैंक ने Repo Rate में 0.25% की कमी की थी उम्मीद है कि एमपीसी की अगली मीटिंग में रीपो रेट में 0.25% की कटौती हो सकती है। अधिकतर बैंकों से इस तिमाही में डिपॉजिट रेट्स कम करने की उम्मीद है। उन्होंने पहले ही येपो रेट से जुड़े एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR ) के आधार पर डिपॉजिट रेट्स घटा दिए हैं लेकिन बैंकरों का कहना है कि वो अभी अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स (MCLR) के आधार पर लोन की दरें तुरंत नहीं घटाएंगे। डिपोजिट रेट्स में कटौती से MCLR में कमी का रास्ता साफ होता है। HDFC बैंक, येस बैंक और बजाज फाइनैंस ने डिपोजिट रेट्स 0.25-0.40% तक घटा दिए हैं। बंधन बैंक ने सेविंग अकाउंट्स पर ब्याज दरों में आधी तक कटौती की है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
Cut in deposit rates has started :- बैंक ऐसे वक्त में ब्याज दरें कम कर रहे हैजब सरकार ने अप्रैल-जून के लिए अपनी सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स की दरें जस की तस रखी हैं। इनमें RBI बॉन्ड्स और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम्स पर ज्यादा से ज्यादा 8.2% ब्याज मिलता है Money Honey फाइनैंशल सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर अनूप भैया कहते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट करने वालों को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। चार से पांच साल की लंबी अवधि के लिए ज्यादा ब्याज दरों पर पैसा लगा देना चाहिए।
क्यों पसंद किए जाते हैं FDs?
Cut in deposit rates has started :- फाइनैंशल प्लानर्स बताते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) इसलिए पसंद किए जाते हैं क्योंकि ये समझने में आसान होते हैं और नियमित रूप से पैसा मिलता रहता है। यह बाजार की स्थिति पर निर्भर नहीं होता। ये प्रोडक्ट्स रिटायर लोगों या उन निवेशकों को पसंद आते हैं जो अपने लक्ष्यों को पूरा करना चाहते हैं और बिना किसी अनिश्चितता के काम को सरल रखना चाहते हैं। इसके मुकाबले, डेट फंड्स पर रिटर्न तय नहीं होता और चुने हुए फंड और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के आधार पर ये अस्थिर हो सकते हैं। ज्यादा ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के दौरान मार्केट टू मार्केट लाभ या नुकसान हो सकता है। ये कटौती खास तौर पर उन स्पेशल डिपॉजिट्स पर केंद्रित है जो सीमित समय (31 मार्च तक ) के लिए ज्यादा ब्याज दरों पर शुरू की गई थीं।