Why are investors moving away from SIP :- एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करके कम समय में बड़ा फंड बनाया जा सकता है। लॉन्ग टर्म में इनमें अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद होती है। आपको थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश करके करोड़पति बन सकते हैं। चूंकि अभी शेयर मार्केट में गिरावट बनी हुई है। ऐसे में काफी निवेशक एसआईपी से भी दूरी बना रहे हैं।
Why are investors moving away from SIP :- म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश करना एक बढ़िया तरीका माना जाता है। काफी निवेशकों ने इस तरह से बड़ा फंड भी बनाया है। एसआईपी के जरिए हर महीने एक तय रकम निवेश करने पर करोड़पति बनना काफी आसान होता है। लेकिन लगता है कि इस स्कीम को किसी की नजर लग गई है। शेयर बाजार में पिछले कई महीने से भारी गिरावट देखी जा रही है। बाजार में बिकवाली (बिक्री) की आंधी का असर म्यूचुअल फंड निवेशकों पर भी पड़ रहा है। फरवरी में म्यूचुअल फंड में निवेश काफी गिर गया है।
ज्यादा रिटर्न कम समय में
Why are investors moving away from SIP :- बाजार में उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं। ऐसे में SIP यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान फायदेमंद माना जाता है। SIP के जरिए आप हर महीने एक निश्चित रकम निवेश करते हैं। बाजार ऊपर हो या नीचे, आपका निवेश चलता रहता है। इससे आपको औसतन कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। लंबे समय में इससे अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन पिछले कुछ समय से तस्वीर कुछ बदल रही है।
आई गिरावट फरवरी में कितनी?
Why are investors moving away from SIP :- एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में स्मॉलकैप और मिडकैप योजनाओं में निवेश घटने से इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश में 26%गिरकर 29,303 करोड़ रुपये रह गया। जबकि जनवरी 2025 में यह आंकड़ा 39,687 करोड़ रुपये था। डेट म्यूचुअल फंड में 6,525 करोड़ रुपये का रेकॉर्ड आउटफ्लो (निकासी) देखने को मिला, जबकि जनवरी में इसका टोटल इन्फ्लो (निवेश) 1.28 लाख करोड़ रुपये था।
आई कमी लोगों की संख्या में
Why are investors moving away from SIP :- फरवरी में सेंसेक्स और निफ्टी लगातार पांचवें महीने लाल निशान में बंद हुए और यह साल 1996 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट रही। म्यूचुअल फंड में मिलने वाले रिटर्न पर मार्केट की गिरावट का असर पड़ता है। फरवरी में म्यूचुअल फंड एसआईपी के जरिए पैसा लगाने वालों की संख्या कम हुई है। फरवरी में SIP के जरिए 25,999 करोड़ रुपये आए। यह पिछले तीन महीनों में सबसे कम है। जनवरी के मुकाबले इसमें 2% की गिरावट आई है।
जानकार क्या कहते हैं?
Why are investors moving away from SIP :- जानकारों के मुताबिक मार्केट गिरे और निवेश की वैल्यू कम होने लगे तो घबराना नहीं चाहिए। काफी लोग इस गिरावट के कारण म्यूचुअल फंड से निकल जाते हैं और नुकसान कर बैठते हैं। अगर म्यूचुअल फंड की कीमत कम हो रही है तो ज्यादा यूनिट्स खरीदना शुरू कर दें। मार्केट जब बढ़ेगी तो आपका पैसा तेजी से बढ़ेगा। हालांकि पूरी रिसर्च करने और एक्सपर्ट से जानकारी लेने के बाद ही निवेश करें।
टिकें लंबे समय के लिए
म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म निवेश की सलाह दी जाती है। यहां लॉन्ग टर्म से मतलब कम से कम 3 साल है। अगर मार्केट में गिरावट के कारण शुरुआती कुछ महीनों में ही नुकसान दिखाई दे रहा है तो इससे घबराएं नहीं। बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान निवेशकों को अपनी लंबी अवधि की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए और अपनी SIP जारी रखनी चाहिए। कोरोना के समय जब शेयर मार्केट में गिरावट आई थी तो काफी लोगों ने एसआईपी को बढ़ा दिया था। आज उनकी रकम काफी बढ़ चुकी है।
(डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट और म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिम के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से सलाह जरूर लें. आपको होने वाले किसी भी नुकसान के लिए www.sahabshanti.com जिम्मेदार नहीं होगा.)