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बीवी खूबसूरत है, बीवी भाग जाएगी, बीवी निहारती है… 90 घंटे काम की बहस में इन दिग्‍गजों ने क्‍या-क्‍या बोला?

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What did these veterans say in the 90 hours work debate :- एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम के 90 घंटे काम करने के बयान पर चर्चा हो रही है। इस पर वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बहस जारी है। हर्ष गोयनका, राजीव बजाज और आनंद महिंद्रा जैसे उद्योगपतियों ने इस पर अपनी राय दी है। महिंद्रा ने समय की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण बताया। अडानी और अदार पूनावाला ने भी संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया।

एसएन सुब्रह्मण्यम के 90 घंटे काम वाले बयान पर विवाद जारी

द‍िग्‍गज उद्योगपति लगातार दे रहे हैं इस मसले पर अपनी राय

हर्ष गोयनका ने संडे को ‘सन-ड्यूटी’ बदलने का सुझाव दिया

What did these veterans say in the 90 hours work debate :- नई दिल्‍ली: एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम के 90 घंटे काम करने वाले बयान पर बवाल मच गया है। हाल में उन्होंने कर्मचारियों को रविवार को भी काम करने की सलाह दी थी। वह बोले थे- कितनी देर तक आप अपनी पत्नी को निहारते रह सकते हैं? सोशल मीडिया पर उनके बयान पर खूब चर्चा है। चूंकि सुब्रह्मण्यम ने अपने बयान में ‘बीवी’ और ‘संडे’ का जिक्र किया तो रिएक्‍शन में भी इनका खूब इस्‍तेमाल हो रहा है। उनके बयान से वर्क-लाइफ बैलेंस पर दोबारा बहस छिड़ गई है। इससे पहले, इन्‍फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने के सुझाव पर भी ऐसी ही बहस हुई थी। कई बड़े उद्योगपतियों ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी है। आइए, यहां जानते हैं किसने क्‍या कहा।

संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’…

What did these veterans say in the 90 hours work debate :- हर्ष गोयनका ने संडे को ‘सन-ड्यूटी’ में बदलने का सुझाव दिया है। उन्होंने सवाल किया कि छुट्टी के दिन को ‘मिथक’ क्यों न बना दिया जाए? उन्होंने कहा कि वह कड़ी मेहनत और स्मार्ट वर्क में विश्वास करते हैं, लेकिन पूरी जिंदगी ऑफिस में गुजारना ठीक नहीं। वह बोले, ‘सप्ताह में 90 घंटे? संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए और ‘छुट्टी का दिन’ एक मिथकीय अवधारणा क्यों न बना दिया जाए! मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करने में विश्वास करता हूं, लेकिन जिंदगी को ऑफिस शिफ्ट में बदल देना? यह सफलता नहीं, बल्कि बर्नआउट का नुस्खा है। वर्क-लाइफ बैलेंस वैकल्पिक नहीं है, यह आवश्यक है। खैर, यह मेरा दृष्टिकोण है!’

काम के घंटे के बजाय क्‍वालिटी

What did these veterans say in the 90 hours work debate :- मारिको लिमिटेड के चेयरमैन हर्ष मरीवाला ने भी इस बहस में हिस्सा लिया। उन्होंने काम के घंटों के साथ-साथ काम की गुणवत्ता और लगन पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘युवाओं को सही मायने में जोड़ने और प्रेरित करने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे ऐसी भूमिकाओं में हों जो उन्हें चुनौती दें और साथ ही विकास और सीखने को भी बढ़ावा दें।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जब कोई व्यक्ति देखता है कि कड़ी मेहनत का नतीजा एक उज्जवल भविष्य है तो वह स्वाभाविक रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित होता है।’

टॉप लेवल से होनी चाहिए शुरुआत

What did these veterans say in the 90 hours work debate :- बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा, ‘यह टॉप लेवल से शुरू होना चाहिए और अगर यह एक प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के रूप में काम करता है तो इसे नीचे तक लागू करें।’ उन्होंने कहा कि काम के घंटों को मापना पुराना और गलत है।

मेरी बीवी खूबसूरत, निहारना अच्छा लगता है

What did these veterans say in the 90 hours work debate :- महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि वह काम की क्‍वांटिटी में नहीं, बल्कि क्‍वालिटी में विश्वास करते हैं। महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। उनसे जब पूछा गया कि वह एक्‍स पर कितना समय बिताते हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि वह सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए हैं क्योंकि यह एक बेहतरीन बिजनेस टूल है।

What did these veterans say in the 90 hours work debate :- आनंद महिंद्रा बोले, ‘मैं सोशल मीडिया एक्‍स पर इसलिए नहीं हूं क्योंकि मैं अकेला हूं। मेरी बीवी खूबसूरत है, मुझे उसे निहारना अच्छा लगता है। मैं यहां दोस्त बनाने के लिए नहीं हूं। मैं यहां इसलिए हूं क्योंकि लोग यह नहीं समझते कि यह एक अद्भुत बिजनेस टूल है।’ उन्होंने नई दिल्ली में विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग 2025 में यह बयान 90 घंटे काम पर शुरू हुई बहस को लेकर एक सवाल के जवाब में दी।

बीवी भाग जाएगी

What did these veterans say in the 90 hours work debate :- वर्क-लाइफ बैलेंस पर गौतम अडानी भी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। अडानी ने अपनी बात को हल्के-फुल्के अंदाज में समझाया था। उन्होंने कहा था, ‘अगर आपको जो आप करते हैं, उसमें मजा आता है तो आपका वर्क-लाइफ बैलेंस है। आपका वर्क-लाइफ बैलेंस मुझ पर नहीं थोपा जाना चाहिए और मेरा आप पर नहीं थोपा जाना चाहिए।’ इसके बाद उन्होंने मजाक में कहा था कि अगर कोई बहुत ज्‍यादा काम करता है, तो बीवी भाग जाएगी। उनका मानना है कि खुशी सबसे महत्वपूर्ण है और असली संतुलन तभी होता है जब आप और आपका जीवनसाथी दोनों खुश हों।

संडे को मेरी बीवी मुझे निहारती है

What did these veterans say in the 90 hours work debate :- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने काम और निजी जीवन के बीच संतुलन पर चल रही बहस में अपनी राय रखी है। अदार पूनावाला ने महिंद्रा की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘हां, मेरी पत्नी को भी मैं बहुत अच्छा लगता हूं। वह रविवार को मुझे निहारना पसंद करती हैं। काम की क्‍वालिटी हमेशा क्‍वांटिटी से बेहतर होती है।’